google.com, pub-3362878436031425, DIRECT, f08c47fec0942fa0 राष्ट्रगान - जन गण मन अधिनायक जय हे - लिरिक्स हिंदी में

राष्ट्रगान - जन गण मन अधिनायक जय हे - लिरिक्स हिंदी में

 देशभक्ति गीत से अभिप्राय : देशभक्ति गीत किसी देश की अस्मिता होते हैं जिन के माध्यम से राष्ट्र को सर्वोपरि स्थान दिया जाता है। इन गीतों की प्रमुखता होती है की इनमे राष्ट्र रस और देशभक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए रचा जाता है। राष्ट्रिय पर्व, राजनैतिक कारकर्मों, अन्यदेशों में देश का प्रतिनिधित्व जैसे ओलम्पिक गेम्स और अन्य खेल प्रतियोगिताओ में इसे बजाया जाता है ये राष्ट्र गान के बाद बजाया जाता है। कवी प्रदीप, सुमित्रानंदन पंत, गिरिजाकुमार माथुर के देशभक्ति गीत काफी प्रचलित हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही  देशभक्ति गीत और कविताओं ने लोगों में जोश भरा है। 


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हिंदी सिनेमा ने देशभक्ति फिल्मों के माध्यम से इस क्षेत्र में विशेष कार्य किया है। टीवी का भी इस क्षेत्र में अहम् योगदान दिया है। दूरदर्शन के समय देशभक्ति गीत, सांप्रदायिक एकता को प्रदर्शित करने के लिए चलाये जाते थे जो लोगों की जुबान पर रहते थे। जैसे सुन सुन मेरे मुन्ने सुन, प्यार की गंगा बहे, देश में एक रहे। इसके साथ ही "मिले सुर मेरा तुम्हारा", "बजे सरगम हर तरफ से", "हिन्द देश के निवासी सब जन एक हैं", "हम सब एक हैं ", "झंडा ऊँचा रहे हमारा" आदि गीतों ने एक अमित छाप छोड़ी है। 


सिनेमा ने देशभक्ति गीतों को एक नया आयाम दिया है। १९४८ में फिल्म शहीद ने लोगों में देशभक्ति की भावना को जाग्रत कर दिया था। फिल्म जगत से जुड़े कवी प्रदीप ने "ए मेरे वतन के लोगों " की रहना चीन युद्ध के बाद की गयी। कवी प्रदीप की इस रचना को सर्वप्रथम लता मगेशकर ने गाय जिसे सुन कर जवाहर लाल नेहरू के आखों में पानी आ गया था। आज भी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर यदि यह गीत ना बजाया जाय तो कुछ अधूरा सा रहता है। 



१९६७ में प्रदर्शित उपकार फिल्म का एक गीत जो काफी प्रसिद्ध हुआ वो था "  मेरे देश की धरती, सोना उगले, उगले हिरे मोती " लोगों की जुबान पर चढ़ गया था और आज भी विशेष अवसरों पर इसे प्रदर्शित किया जाता है जिसने पुरे देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया। इसके अलावा "जहाँ डाल डाल पर सोने की चिड़िया करे बसेरा ", "अपनी आजादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं ", "दे दी हमें आजादी बिना खडग बिना धाल , मेरा रंग दे बसंती चोला आदि गीतों ने देशभक्ति  की भावना को लोगों में प्रसारित करने में अहम् भूमिका  निभाई है। 


जन गण मन अधिनायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता,

पंजाब सिंध गुजरात मराठा,

द्रविड़ उत्कल बंग,

विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,

उच्छल जलधि तरंग,

तव शुभ नामे जागे,

तव शुभ आशीष मांगे,

गाहे तव जयगाथा।

जन गण मंगलदायक जय हे,

भारत भाग्य विधाता,

जय हे,जय हे,जय हे,

जय जय जय जय हे।

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