google.com, pub-3362878436031425, DIRECT, f08c47fec0942fa0 चन्द्रयान 3 के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में पूरी विवरण

चन्द्रयान 3 के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में पूरी विवरण

 चन्द्रयान 3 के बारे में पूरी विवरण के साथ इस पोस्ट में जानेंगे। चंद्रयान-3 मिशन की उलटी ग‍िनती शुरू हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अब इसे लॉन्‍च करने की अंत‍िम डेट बता दी है। उसने बताया है क‍ि इस म‍िशन को 14 जुलाई को लॉन्‍च क‍िया जाएगा। भारत के ल‍िए यह म‍िशन बेहद खास है। चंद्रयान म‍िशन-2 में उसे असफलता हाथ लगी थी।

चन्द्रयान 3 के बारे में रोचक जानकारी हिंदी में पूरी विवरण


चन्द्रयान-3 (Chandrayaan-3) एक भारतीय चन्द्रमा मिशन है जो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह मिशन चन्द्रमा की सतह पर बैठे विज्ञान अनुसंधान करने के लिए निर्मित हो रहा है।

चन्द्रयान 3 का लक्ष्य -

चन्द्रयान-3 का लक्ष्य चन्द्रमा की सतह पर एक ग्रामीण रोवर भेजना है, जिससे वैज्ञानिकों को चन्द्रमा के पृथ्वी युगम और उसके भू-सांख्यिकीय आकारों को अध्ययन करने का मौका मिलेगा। इसमें पिछले चन्द्रयान-2 मिशन के प्रमुख विफलताओं से सीख ली गई है।

चन्द्रयान 3 का उद्देश्य -

चन्द्रयान-3 में ग्रामीण रोवर को चन्द्रमा की सतह पर स्थापित करने के लिए एक लेंडर का उपयोग किया जाएगा। इस लेंडर के माध्यम से रोवर को अद्यतितता और संचार उपकरणों की पुष्टि की जाएगी। रोवर को चन्द्रमा की सतह पर संग्रहीत डेटा और चित्रों का भी भेजा जा सकेगा।


चन्द्रयान 3 का मुख्य उद्देश्य -

चन्द्रयान-3 मिशन की अभियान-निर्माण में वर्तमान में काम जारी है और इसकी योजना लॉन्चिंग के लिए तैयार होने के बाद बताई जाएगी। यह मिशन चन्द्रमा की उस क्षेत्रीय क्षमता को बढ़ाने का प्रयास है जिससे चन्द्रमा के भूगोल, विज्ञान और पारिस्थितिकी समझ में सुधार हो सके।


मिशन के भाग: चंद्रयान-३ मिशन दो मुख्य भागों से मिलकर बना होगा - ऑर्बिटर और लैंडर। ऑर्बिटर, चंद्रमा के आसपास गतिमान पथ पर चक्कर लगाते रहेगा और उपयोगी डेटा को भूमिगत अध्ययन केंद्रों को भेजेगा। लैंडर, चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरेगा और वहां वैज्ञानिक मापदंडों और उपकरणों का उपयोग करके अध्ययन करेगा।


इंस्ट्रुमेंट्स: चंद्रयान-३ लैंडर में कई वैज्ञानिक उपकरण स्थापित किए जाएंगे, जैसे कि रॉव विकसित इलेक्ट्रॉनिक्स इक्विपमेंट (RALFE), चंद्रमा की सतह के लिए फ्लेक्सीबल थर्मल कंट्रोल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE), और एक लेजर अल्टीमेट टेलिमीटर (ALT)।


भौतिकी: चंद्रयान-३ में पिछले मिशन की तुलना में कई औद्योगिक और तकनीकी सुधार किए गए हैं। यह मिशन प्रमुखतः पॉलिमर कंपोजिट बेस कोटिंग (Polymer Composite Base Coating) तकनीक का उपयोग करेगा, जो लैंडर को अत्यधिक ठंड में सुरक्षा देगा।


FAQ 


1. चंद्रयान 3 का उद्देश्य क्या है?

चंद्रयान-3 के मिशन उद्देश्य हैं: चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना । रोवर को चंद्रमा पर घूमते हुए प्रदर्शित करना और। यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना।

2. भारत द्वारा चंद्रयान 3 कब लॉन्च किया जाएगा?

इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को लॉन्‍च किया जाएगा। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) से यह लॉन्‍च होगा। इसकी लॉन्चिंग दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर होगी। लॉन्‍च को श्रीहरिकोटा जाकर लाइव देखना है, क्‍या कोई प्री रेजिस्‍ट्रेशन प्रोसेस है?


3. चंद्रयान 3 चांद पर कब उतरेगा?

चंद्रयान-3 चंद्रमा पर कब पहुंचेगा? यदि प्रक्षेपण 14 जुलाई को होता है तो चंद्रयान-3 के अगस्त के अंत में चंद्रमा पर पहुंचने की उम्मीद है। अंतरिक्ष यान को 45-48 दिन लग सकते हैं और 23 या 24 अगस्त तक चंद्रमा पर पहुंच सकता है।


4. चंद्रयान 3 कहां से लॉन्च होगा?

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, शुक्रवार को दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा, इसरो के निदेशक एस सोमनाथ ने घोषणा की थी।


5.चंद्रयान का क्या महत्व है?

चंद्रयान का उद्देश्य चंद्रमा की सतह के विस्तृत नक्शे और पानी के अंश और हीलियम की तलाश करना था। चंद्रयान-प्रथम ने चंद्रमा से १०० किमी ऊपर ५२५ किग्रा का एक उपग्रह ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। यह उपग्रह अपने रिमोट सेंसिंग (दूर संवेदी) उपकरणों के जरिये चंद्रमा की ऊपरी सतह के चित्र भेजे।

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